Suryakant Tripathi Nirala love poetry in Hindi explores profound emotions, blending love with themes of nature and introspection. Firstly, his verses illustrate the beauty of love’s simplicity, capturing the joy of a shared glance or an unspoken word. Additionally, Nirala often delves into the intensity of longing, portraying love as a force that shapes one’s identity. Moreover, he uses vivid natural imagery, allowing readers to experience love as both deeply personal and universally resonant. Consequently, his poetry transcends individual experience, connecting readers to a broader understanding of love and devotion. Ultimately, Nirala work stands as a testament to the timeless and transformative power of love, highlighting both its beauty and its depth.
तेरी नजरों का जादू है, बहकाता मन मेरा,
तेरी बाहों में मिल जाए, मुझे सारा जहाँ।
सावन की बूंदों में तेरी बात छुपी है,
भीगा मेरा मन, तुझसे ही ये धरा है।
तेरी तस्वीर मेरे दिल में बसी है,
हर धड़कन तेरे नाम से जुड़ी है।
तू मेरा आकाश, तू मेरी धरती,
तेरे बिना ये जीवन अधूरा सा लगता है।
रात के सन्नाटों में तेरा ख्याल आया,
नींद से ज्यादा, तेरा इंतजार भाया।
तेरे बिना ये दिल अधूरा सा लगता है,
तू जो पास हो, सब कुछ पूरा लगता है।
तेरी खुशबू से महकता है हर फूल,
तू है मेरे जीवन का सबसे अनमोल उसूल।
तेरे प्यार में ये दिल दीवाना हो गया,
तू न मिला तो सारा जमाना सुना हो गया।
तेरे बिना मेरा कोई रंग नहीं,
तू ही मेरा श्रृंगार, तू ही मेरे गीत की धुन।
तेरी यादों के चिराग जलते हैं हर शाम,
तू है मेरे ख्वाबों का पहला और आखिरी नाम।
तेरे प्रेम का बंधन है सबसे प्यारा,
जिसमें बंधा, वही जीवन मेरा सारा।
तेरी हंसी में छुपा है मेरा सुकून,
तेरे संग बिताए पल अनमोल नासमझ।
तेरे बिना ये दिल वीरान सा लगता है,
तेरा साथ हो तो सब कुछ आसान लगता है।
तेरी चाहत में ऐसा जादू है,
जिसमें खोकर मैं खुद को पा लेता हूँ।
तेरे बिना ये जीवन सपना सा है,
तेरे संग ही इस दिल को सजना सा है।