The love poetry of Harivansh Rai Bachchan is, undoubtedly, a masterpiece in Hindi literature. First of all, his work beautifully captures the emotions of love, loss, and longing. Moreover, his famous book, “Madhushala,” exemplifies how love transcends mere romanticism and becomes a reflection on life itself. Additionally, Bachchan uses simple yet powerful language, making his poetry relatable to all. Furthermore, his poems convey not only the joy of love but also its sorrows. In conclusion, through his love poetry, Bachchan leaves a lasting impact, continuing to inspire readers across generations with his profound expressions of love.
तुम मेरे पास हो ये और बात है,
पर दूरियाँ कभी दिलों की मिटती नहीं।
नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्वान फिर-फिर,
वह उठे ध्वंसों के ऊपर, कौन रोकेगा उसे फिर।
प्रेम की कोई भाषा नहीं, फिर भी सब कुछ कह जाता है,
दिल के धड़कनों में बसा ये गीत कभी न रुक पाता है।
जो बीत गई सो बात गई,
जीवन की ये नई रात गई।
मधुशाला में तेरी यादों का प्याला,
हर घूँट में तेरा ही प्यारा ख्याल।
तुम जो मिल गए हो, तो ये लगता है,
मेरा हर सपना अब पूरा होगा।
जो तुम आ गए हो पास मेरे,
अब और किसी की चाह नहीं।
प्रेम की राह में काँटे भी आएँगे,
पर तेरे साथ चलने का हौसला मिलेगा।
तुम हो तो मेरा हर दिन एक त्यौहार है,
तुम्हारे बिना ये जीवन बेज़ार है।
दिल की बात होठों तक आती नहीं,
तुम्हारे बिना ज़िंदगी मुस्कुराती नहीं।
तुम्हारे बिना हर लम्हा खाली सा लगता है,
तुम ही से तो जीवन में रंग भरता है।
तुम्हारी यादें मेरे साथ सदा रहती हैं,
हर दिन को एक नई कहानी कहती हैं।
तुमसे मिलकर ये दिल बहकने लगा,
प्यार की राह पर चलने लगा।
तेरा हँसना मेरी हर मुश्किल को हल कर देता है,
तेरी आँखों में सारा जहाँ नज़र आता है।
प्रेम का हर गीत तुम्हारे नाम लिख दिया है,
तुम मेरे हर लम्हे में शामिल हो गए हो।