Rabindranath Tagore, a literary giant, infused his love poetry with deep spirituality and emotion. Though primarily known for his work in Bengali, his love poems in Hindi beautifully express universal themes of devotion, longing, and the divine connection between souls. Tagore’s poetry reflects a harmonious blend of nature, human love, and a higher spiritual love. His verses in Hindi are marked by simplicity yet carry profound meanings, exploring love not just as an emotion but as a path to spiritual awakening. His timeless poetry continues to inspire and resonate with readers, celebrating love in its purest form.
प्रेम मेरे ह्रदय का दीप है, जो अंधकार में जलता है,
तेरे बिना भी ये संसार रोशनी से भरता है।
तू है मेरे गीतों में, हवा की तरह छुपा,
तेरी सुगंध से महकता है मेरा हर शब्द सदा।
तेरी मुस्कान में छिपा है मेरे जीवन का सार,
तेरे बिना अधूरी है मेरी हर जीत, हर हार।
तू जो पास न हो, तो भी तेरी छाया साथ हो,
तेरे बिना भी मेरी आत्मा तेरे प्रेम में मग्न हो।
प्रेम की भाषा शब्दों से परे होती है,
यह तो दिल से दिल की बातें कहती है।
तेरी यादें मेरे साथ, हर लम्हा संग चलती हैं,
जैसे अंधेरे में चाँदनी, रात को रौशनी देती है।
तू मेरे ह्रदय का गीत है, जो मौन में भी गूंजता है,
तेरे बिना भी मेरा प्रेम सदा अमर रहता है।
मैंने तुझे प्रेम में देखा, जैसे फूलों में बहार,
तेरी हँसी में बसी है मेरे जीवन की पुकार।
तेरी आँखों में समंदर सा गहरा प्रेम है,
जिसमें मैं खो कर भी खुद को पा लेता हूँ।
तू मेरे गीतों में आकर बस गया,
जैसे बांसुरी में छिपी कोई रागिनी।
तेरा प्रेम मेरे जीवन का संगीत बन गया,
तेरी धड़कनें मेरी धड़कनों में समा गईं।
प्रेम केवल मिलन की चाह नहीं,
यह तो वियोग में भी सुख की राह दिखाता है।
तेरी ख़ामोशी में भी मैंने प्रेम का संगीत सुना,
तेरे दूर होने पर भी तेरी आहटों ने मुझे छुआ।
तू पास हो या दूर, मेरे दिल का अंश है,
तेरी हर बात में छिपा हुआ मेरा संसार है।
तेरा प्रेम मेरी आत्मा की सुबह है,
हर अंधेरी रात को जो नई रौशनी देता है।