The love poetry of Tulsidas in Hindi literature beautifully captures the essence of divine devotion. Firstly, his verses are filled with a profound spiritual connection, seamlessly blending human emotions with the pursuit of the divine. Additionally, Tulsidas words in Ramcharitmanas portray his unwavering love for Lord Rama, thus creating a powerful depiction of bhakti (devotion) that continues to resonate deeply. Moreover, his use of simple yet eloquent language makes his poetry accessible and relatable to everyone. Consequently, readers feel a shared sense of devotion and love, transcending time and cultural barriers. Ultimately, Tulsidas love poetry not only elevates human emotions but also inspires countless devotees, connecting them with a divine force that brings peace and fulfillment.
राम प्रेम में भीग जाओ तुम, हर पीड़ा का अंत हो जाए।,
हृदय में बस जाएं श्रीराम, जीवन धन्य हो जाए।
सांसें भी अब राम नाम के गीत गाने लगीं,
प्रेम में रंगी ऐसी कि ये दुनिया भाने लगी।
राम के प्रेम में रंगी जो ये मन की डोरी,
प्रेम की ये बात है अनमोल और न्यारी।
राम नाम की प्रीत में बंधन ऐसा बंधा,
प्रेम के सागर में हर दर्द का हल मिला।
तुलसी की वाणी में राम का बस प्रेम गान,
उनके नाम से ही संवरता है हर इंसान।
तुलसी की वाणी में राम का बस प्रेम गान,
उनके नाम से ही संवरता है हर इंसान।
प्रीत के रस में जब घुल जाता है मन,
राम ही नजर आते हैं, बाकी सब बन्धन।
जो प्रेम की राह पर राम संग चले,
संताप और पीड़ा से वो सदा बचे।
राम का प्रेम ऐसा, हर दुख को हर लेता है,
जिसके संग हर जीव का जीवन संवरता है।
प्रेम में जो रम गया राम के नाम का,
उसे मिल गया सुख हर किसी काम का।
राम नाम का प्रेम, जैसे अमृत की धार,
हर दिल को कर देता है प्रीतम का दीदार।
तुलसी के मन में राम के प्रति जो है आस्था,
वही तो प्रेम का परम मार्गदर्शक रास्ता।
राम प्रेम से बढ़कर इस जग में कुछ नहीं,
हर दिल में हो ये, तो कुछ भी दुःख नहीं।
राम के प्रेम में डूबा मन का संसार,
इस प्रेम में बसा है सुख का भंडार।