Surdas’s love poetry in Hindi profoundly portrays the devotion and beauty of Radha and Krishna’s relationship. Firstly, his verses depict Krishna’s divine allure, captivating the hearts of both Radha and the people of Gokul. Additionally, Surdas uses rich imagery and heartfelt language, drawing readers into the emotions of joy, longing, and divine connection. Moreover, his poetry emphasizes that true love transcends the physical, elevating it to a spiritual realm where the soul finds its purpose. Consequently, Surdas’s poetry has become timeless, resonating deeply across generations. Ultimately, his work reminds readers that love is both a journey of surrender and a path to divine enlightenment, where human devotion meets the divine.
देखी तेरी मनोहर छवि, सुध-बुध सब बिसराय,
बाँसुरी की धुन में बसे, मेरे श्याम प्यारे बसाय।
राधा के मनमोहन, तुम सबसे न्यारे हो,
प्रेम रस में डूबे, मोहन तुम्हारे हो।
श्याम तेरे प्रेम में, बावरी हुई मीरा,
छोड़ दिया जग सारा, तेरा नाम बस धारा।
मुरली की धुन पर, झूमे गोकुल का नगर,
राधा के साथ खेलते, कान्हा प्यारा सुंदर।
श्याम सखी संग खेलते, मनमोहक तेरी चाल,
रंग रची इस प्रेम में, सुध बिसराई निहार।
राधा के दिल की धड़कन, कान्हा के मन का चैन,
तुम बिन सूना जीवन, तुम बिन सब कुछ वैन।
श्याम प्रेम में डूबा, खोया यह संसार,
प्रेम में बंधे हम-तुम, तेरा नाम बार-बार।
प्रीत की ऐसी डोरी बाँधी, मैं तो हारी रे,
श्याम से बंधी मेरी डोर, मन मेरा प्यारी रे।
राधा का श्याम, ऐसा मनभावन,
तेरा नाम सुनते, नयन भर आवन।
श्याम तेरी बंसी में प्रेम का नशा है,
राधा के दिल में बस वही तरसा है।
कान्हा की मोहिनी मूरत, मन को है भाय,
राधा के नैनों में, बस वही समाय।
राधा रानी तेरे प्रेम में सब कुछ वार दिया,
कान्हा के प्रेम में खुद को साकार किया।
श्याम के नैनों में, प्रेम की झलक है,
राधा का जीवन उसी में सिमट गया।
मधुर-मधुर तेरी बंसी, कानों में रस घोल,
राधा के हृदय में, मनमोहन तू ही अनमोल।
संग तेरे प्रेम का ऐसा मद भरा,
राधा-कृष्ण का बंधन अनमोल है।